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मैं भाग्यशाली ईश्वरीय संतान हूँ
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मैं भाग्यशाली ईश्वरीय संतान हूँ

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हिन्दी (Hindi)
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जब जीवन में आत्मविश्वास, भाग्य और ईश्वरीय सहारे की अनुभूति चाहिए, तब यह ध्यान किया जा सकता है।

ओम शांति।

अपने मस्तक के बीच चमकते हुए भाग्य के सितारे को देखें। यह भाग्य का सितारा स्वयं भगवान ने मेरे जन्म होते ही प्रदान किया है और आज महसूस करें कि स्वयं परमात्मा, भाग्य विधाता, मेरे भाग्य के सितारे को एक नई चमक प्रदान कर रहे हैं।

ऊपर आकाश से उतरती भाग्य की अनंत किरणों को अपने अंतर में समालें। मैं भाग्यशाली हूँ। मेरे जीवन में ईश्वरीय प्राप्तियाँ अनंत हैं। ईश्वरीय गुण, ईश्वरीय विशेषताएँ अनंत हैं। इमर्ज करें, उन छिपी हुई शक्तियों को, उन छिपे हुए गुणों को कर्तव्य में लाने का यही समय है। स्वीकार करें कि मैं अनंत भाग्य की स्वामी, भाग्यशाली ईश्वरीय संतान हूँ। स्वयं परमात्मा ने मेरा भाग्य उदय किया है। आज से मेरा हर कार्य हुआ ही पड़ा है। विश्वास रखें भाग्य विधाता द्वारा मिले इस वरदान पर। मैं भाग्यशाली हूँ।

ओम शांति।

इस ध्यान के अभ्यास से आत्मा अपने भीतर छिपे हुए ईश्वरीय गुणों और शक्तियों को पहचानने लगती है।

यह अनुभव यह अनुभूति कराता है कि जीवन में मिलने वाली ईश्वरीय प्राप्तियाँ अनंत हैं और हर कार्य में सफलता का भाव स्वतः जागृत होता है। आत्मा स्वयं को भाग्यशाली, समर्थ और ईश्वरीय संरक्षण में अनुभव करती है, जिससे जीवन में विश्वास और शांति स्थिर हो जाती है।

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