दो मिनट के लिए अपने मन को चारों तरफ से डिटैच करें। इस पल में खुद को समझाएं कि "मेरे आज से मेरा कल बनता है।" यह पल बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि केवल यही क्षण वास्तविक है। जो कुछ भी हो चुका है, उसे हम बदल नहीं सकते, लेकिन आज हमारे हाथ में है। आज जो हम सोचेंगे, बोलेंगे, और जो हमारा कर्म होगा, वही हमसे रेडिएट होकर कल हमारा भविष्य बनेगा। यदि हमें अपना भविष्य श्रेष्ठ बनाना है, तो आज से अपने आपसे एक वादा करें — चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे परिस्थिति कितनी भी बड़ी क्यों न हो, हम सही सोचेंगे। हमारे पास यह शक्ति है, क्योंकि यह हमारा मन है, और इसमें उठने वाला हर संकल्प हमारी अपनी क्रिएशन है। हर सीन में हमारे पास चॉइस है — प्यार से काम कराना या गुस्सा करना, शांत रहना या हलचल में आना, सभ्यता से बात करना या चिल्लाना, सिचुएशन को एक्सेप्ट करना या शिकायत करते रहना — हर सीन में हमें चुनने का अधिकार है। जैसे-जैसे हम चुनते हैं, वैसे-वैसे हम बनते जाते हैं। इसलिए आज से कोई शिकायत नहीं। जो हुआ, वह भी बहुत अच्छा; जो हो रहा है, वह भी बहुत अच्छा; और जो होने वाला है, वह तो और भी अच्छा है। मेरा भाग्य बहुत श्रेष्ठ है। मेरे जीवन में सब कुछ बहुत अच्छा होगा। मैं एक शक्तिशाली आत्मा हूँ। मेरे साथ कुछ भी गलत हो ही नहीं सकता। मैं निर्भय हूँ और किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकती हूँ। मैं अपने संकल्पों से अपने जीवन का निर्माण कर सकती हूँ। मेरी सोच ही मेरा भविष्य बनाएगी। मेरा भाग्य कोई और नहीं बना सकता, केवल मैं ही उसे रच सकती हूँ। मेरे पास इतनी शक्ति है कि मैं अपना और अपने परिवार का बहुत श्रेष्ठ भाग्य बना सकती हूँ। इन श्रेष्ठ संकल्पों के साथ जीवन की नई शुरुआत करें।
ॐ शांति।















