ओम शांति !
यहां बैठे हुए.. अपने मन को बाहर के शोर से समेट लें.. जो भी बाहर का शोर सुनाई दे रहा है.. कोई भी आवाज सुनाई दे रही है.. उससे अपने मन को समेट लें.. और अपने भीतर के विचारों को ऑब्जर्व करें !
मेरे मन के अंदर क्या-क्या चल रहा है?
उसे साक्षी होकर देखिए.. इन आंखों द्वारा.. पूरे दिन में.. फोन के माध्यम से.. या कुछ और हमने ऑब्जर्व किया.. ऐसी जितनी भी इंफॉर्मेशन हमने कलेक्ट की.. उसे ऑब्जर्व करें..
क्या-क्या देखा? क्या-क्या सुना? क्या-क्या इंफॉर्मेशन?
उसके आधार से.. मेरे मन में.. किस प्रकार के विचार उठे.. उसे ध्यान से देखें.. कोई बात पसंद नहीं आई.. किसी बात में ईर्ष्या का भाव आया.. किसी बात में नफरत भी हुई.. और किन्ही बातों से.. स्वयं के ऊपर.. अन्य के ऊपर.. कई सवाल उठे ..
इस संसार में अपनी वैल्यू को लेकर.. कई कंपैरिजन की थॉट्स चले.. महसूस करें.. यह सारी थॉट्स .. मेरे मस्तिष्क के अंदर मुझे क्लाउड कर रहे हैं.. हर नेगेटिव थॉट.. मेरे मस्तिष्क में चारों के बादल की तरह स्टोर होता जा रहा है ..
मस्तिष्क में अपनी प्रेजेंस को रियलाइज करें -
इस फिजिकल बॉडी के अंदर.. चमकता हुआ एक दिव्य सितारा—मैं आत्मा..
कई प्रकार के विचारों के बादलों में.. घिरी..
महसूस करें - अपने असूल स्वभाव को जो बिल्कुल शांत है.. हर प्रकार की निंदा.. स्तुति.. मान.. अपमान.. इन सबसे न्यारा है—उसे अनुभव करें !
मन की शक्ति द्वारा.. विजुलाइज करें.. इस दुनिया से दूर.. सूरज.. चांद.. तारों के पार.. एक शांति का आसमान है .. जहां शांति के सागर—वह परम शक्ति विराजमान है !
महसूस करें- परम शक्ति की शांति के प्रकंपन.. लेजर बीम की तरह.. धरती की ओर.. मेरी ओर आ रही है.. मैं जहां पर बैठी हूं.. यहीं पर शांति की लेजर बीम.. मेरे मस्तिष्क में प्रवेश कर.. मेरे अंदर के सारे नकारात्मक बादलों को शांत कर रही है ! जैसे लेजर के द्वारा.. बॉडी को ऑपरेट कर सकते हैं.. वैसे ही महसूस करें.. उस परम शक्ति की शांति की लेजर बीम से.. मेरे मन का ऑपरेशन हो रहा है.. सारे नकारात्मकता के बादल—ईर्ष्या.. द्वेष.. नफरत — सब शांत हो रहे हैं ! शांति की शक्ति.. मेरे मन को घेर रही है ! मेरा मन.. बिल्कुल शांत हो रहा है ! परम शक्ति की ..शुद्ध प्रकंपनों से.. मेरे मन का शुद्धिकरण हो रहा है .. और जो भी विचार मेरी शक्ति को कम कर रहे थे.. वह सारे विचार शांत हो गए.. और मैं स्वयं को बिल्कुल शांत देख रही हूं ! अब जैसे मस्तिष्क में.. शांति के बादल छाए हुए हैं.. मन बिल्कुल शीतल.. ठंडा.. आनंदमय है..
इसी स्थिति में रियलाइज करें—
पूरे संसार में अनेकों लोग.. अनेकों विचार.. अनेकों व्यक्तित्व— इन सबसे न्यारी.. मैं एक चैतन्य शक्ति.. अपने सत्य स्वरूप का अनुभव कर रही हूं.. जो कुछ भी इन आंखों से मैंने देखा.. वह टेंपरेरी है.. परिवर्तनशील है.. पर जो मैंने अभी अपने मन की शक्ति से अनुभव किया—
यह स्थाई है.. सत्य है.. परमानेंट है !
मैं शांत स्वरूप हूं .. ! शांति के सागर की संतान हूं .. ! मेरा मन बिल्कुल शांत है.. !
ओम शांति !













