ओम शांति ।
कंफर्टेबल होकर बैठे
बॉडी को रिलैक्स करे
आज उसके साथ रिश्ता जोड़ते है
जो हमारा सबकुछ है
जिसको हम कहते थे
तुम्हीं हो माता पिता तुम्हीं हो
वो परमात्मा सर्वशक्तिमान
अल्माटी ऑथोरिटी वो मेरा है
मेरी तरह वो निराकार प्वाइंट ऑफ लाइट है
प्यार का सागर शांति का सागर शक्तियों का भंडार है
और मेरे से वो बहुत प्यार करता है
वो एक ही तो है
जो मुझे पूरी तरह से एक्सेप्ट करता है
मै जो हु जैसी हु मेरे से दिल का प्यार करता
हम सबने तो चरण में जगह मांगी थी
उसने तो हमे दिल में बिठा लिया
हम तो एक नजर के प्यासे थे
उसने तो अपनी नजरों में ही समा लिया
इस पल परमात्मा के प्यार का अनुभव करे
निस्वार्थ अनकंडीशनल लव
वो तो सिर्फ इतना ही चाहता है
मै परफेक्ट बन जाऊं
मेरे जीवन में हर प्रकार का सुख हो
इसलिए आज हिम्मत का एक कदम बढ़ाए
उसकी हजार गुणा मदद मिलेगी
हिम्मत का एक कदम
की हम सदा उसकी बात मानेंगे
उसकी मर्यादाओं पर चलेंगे
और उसकी मर्यादाओं पर चलकर
अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाएंगे
जिन देवियों के दर्शन करते है
उसकी याद से खुद दर्शनीय मूरत बनेंगे
कि हमारा चेहरा हमारे कर्म सबको सुख दे
आज दिल से उस परमात्मा का धन्यवाद करे
जिसने हमे सबकुछ दिया है
दिल की गहराई से उसका शुक्रिया करे
ओम शांति।

















