ओम शांति
कुछ पलों के लिए अपने को स्मृति दिलाए जैसे मैं आत्मा बिंदु स्वरुप हूं चमकता हुआ सितारा हूं ऐसे मेरा पिता परमपिता भी मेरे समान बिंदु की तरह है वो साइज़ में बड़ा नहीं है लेकिन गुणों का सागर है मैं शांत स्वरूप हूं वो शांति का सागर है मैं प्यार स्वरूप हूँ वो प्यार का सागर है ऑलमाइटी हाईएस्ट है लेकिन वह मेरा है मैं उसकी संतान हूँ आई ऍम द चाइल्ड ऑफ़ गॉड उसके साथ रिश्ता जोड़ें मन में कोई भी बात है बोझ है डिस्टर्बेंस है उसके साथ शेयर करें अपने दिल के बाद उसको कह कर बिलकुल हल्के हो जाएं और मह्सूस करें कि उसकी शक्तियों के किरणें मुझ पर बरस रही है जैसे सूर्य की किरणें शरीर को हील करती है ऐसे परमात्मा की किरणें मुझ आत्मा को हील कर रही है हल्कापन महसूस हो रहा है एकदम लाइट और पावरफुल आज सारा दिन अकेले नहीं उसको साथी बनाकर के दिन बिताएं तो डर नहीं लगेगा लेकिन सिक्योरिटी का अनुभव होगा
ओम शांति

















