ओम शांति
कंफर्टेबल होकर बैठे बॉडी को रिलेक्स करे जीवन में बड़े ते बड़ी शक्ति है सहयोग देने की शक्ति हम देनेवाले दाता के बच्चे है हमे किसीसे कुछ नहीं चाहिए आज संकल्प करे मै देनेवाला देवता हु लेनेवाला लेवता नहीं किसी भी देवी की मूर्ति को सामने लाएं हाथ हमेशा देनेवाला है अपने जीवन में आज इस धारणा को पक्का करे मुझे देना है सबको देना है जो देंगे वह पहले मुझे मिलेगा किसीको प्यार देंगे उस प्यार का अनुभव सबसे पहले मुझे होगा किसीपर क्रोध करेंगे उस क्रोध की अग्नि में भी पहले मै ही जलती हु गरम कोयला किसीपर फेकना है पहले तो हाथ मेरा ही जलेगा इसलिए अपने फायदे के लिए मुझे सबके साथ गुण बांटने है प्यार देना है सम्मान देना है खुशी बाटनी है कोई ईंट भी मारे लेकिन उसका जवाब पत्थर से नहीं प्यार से देना है क्यों कि जो हम देंगे वह हमारे पास लौटकर आएगा इसलिए गाली देनेवाले को भी गले लगाना है अपकार करने वाले पर भी उपकार करना है देने से हमारे गुण बढ़ते है इसलिए आज प्रतिज्ञा करे हमारे जीवन का लक्ष्य है देना मुझे किसीसे कुछ नहीं चाहिए किसी से कोई अपेक्षा नहीं है आज सारा दिन ज्ञान गुण शक्तियां दुवाएं अनुभव औरो के साथ बांटने है
ओम शांति
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