Pull to refresh
रहम की भावना जगाएं, क्षमादान दें
Back to Meditations

रहम की भावना जगाएं, क्षमादान दें

4 minutes
हिन्दी (Hindi)
532

Listen Now

00:00 / 04:00

सुख देना मेरा स्वभाव है, कल्याण मेरी भावना। आज आइए, उस भावना से भरें

ॐ शांति।

कुछ पलों के लिए आराम से बैठें। चारों तरफ से खुद को डिटैच करें और पूरी तरह से प्रेज़ेंट मोमेंट में आ जाएं। इस समय एक श्रेष्ठ संकल्प करें — मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ। मैं कमजोर नहीं, शिवशक्ति हूँ, शक्तिस्वरूपा हूँ। मैं साधारण नहीं, महान हूँ। मैं किसी की गुलाम नहीं, स्वयं की मालिक हूँ — इस शरीर की भी मालिक हूँ। मेरी हर कर्मेंद्रिय मेरे अनुसार चलती है। मेरी ये आँखें सबकी विशेषताएँ देखती हैं, ये कान केवल श्रेष्ठ बातें ही सुनते हैं, और मेरा मुख वही शब्द बोलता है जो दूसरों को सुख और शांति दे। मैं आत्मा, सुखदाता परमात्मा की संतान हूँ — सबको सुख देनेवाली आत्मा हूँ। मेरा मन, जो एक मासूम बच्चे की तरह है, मेरी हर बात मानता है — चंचल या अस्थिर नहीं, बल्कि बेहद पवित्र और शुद्ध है। मेरे मन में उठने वाला हर संकल्प श्रेष्ठ और एक्यूरेट होता है। मेरी भावना हर आत्मा के प्रति करुणा और कल्याण की है। आज पूरे दिन, स्वयं को बार-बार याद दिलाएँ — मैं एक प्योर बीइंग हूँ, शक्तिशाली हूँ। मेरे लिए कोई भी बात बड़ी नहीं है। हर परिस्थिति को मैं अपनी शक्तिशाली स्थिति से पार कर सकती हूँ। इस श्रेष्ठ स्वमान की सीट पर सारा दिन टिके रहें।

ॐ शांति।

इस ध्यान के अभ्यास से यह अनुभव होता है कि हम साधारण नहीं, बल्कि शक्तिस्वरूप आत्माएं हैं, जो अपने मन, वाणी और कर्मेंद्रियों के स्वामी हैं। आत्म-स्वामित्व की यह भावना हमारे भीतर पवित्रता, करुणा और सूक्ष्म अनुशासन को जाग्रत करती है।

इस अभ्यास के पश्चात आप अपने दिन को आत्म-विश्वास और श्रेष्ठ स्वामान से जिएंगे...

Brahma Kumaris has Rajyoga Meditation Centers across the globe. These centers are peaceful and welcoming spaces where you can learn and practice Rajyoga meditation in person. Most cities have at least one center, and larger cities often have several located nearby.