Pull to refresh
अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?
Back to Meditations

अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है?

12 minutes
Trending
हिन्दी (Hindi)
202

Listen Now

00:00 / 12:00

जब आप जीवन में अच्छे कर्म करने के बाद भी दुख, चुनौतियों और परीक्षाओं का सामना कर रहे हों और समझना चाहते हों कि ऐसा क्यों हो रहा है।

ओम शांति !

अपने चारों ओर.. दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है.. जिन्हें हम इन आंखों से देख रहे हैं.. इन कानों से सुन रहे हैं.. उसे देखते हुए.. सुनते हुए.. थोड़े समय के लिए.. अपने आप को.. इस शरीर से अलग — शरीर का मालिक.. मन.. बुद्धि... आंखों का.. कानों का मालिक — एक चैतन्य.. चमकता हुआ सितारा.. आत्मा महसूस करें.. वह आत्मा.. जो सदा थी.. और सदा रहेगी !

मुझ आत्मा की यह यात्रा अनादि है.. अनंत है.. और अपनी इस लंबी यात्रा में.. मैंने बहुत सारे जन्म.. बहुत सारे शरीर.. बहुत सारे संबंध.. और अनेक उतार-चढ़ाव.. अनुभव किए हैं.. कहीं सुख आया — उसे भी इंजॉय किया.. कहीं शिक्षा मिली — उसे भी धारण किया.. कहीं-कहीं कुछ गलतियों के कारण अनचाहा दुख भी आया.. लेकिन उसने भी मुझे मजबूत बनाया.. आत्मनिरीक्षण का.. मौका दिया.. परमात्मा की मदद का अनुभव कराया.. सच्चे रिश्तों की पहचान कराई.. सत्यता और न्याय पर मेरा निश्चय.. मजबूत हुआ.. इतने सारे इस बेहद के ड्रामा के सीन मैंने देखे.. और आज उन सभी उतार-चढ़ाव के कारण ..ही मैं ऐसा हूं.. या ऐसी हूं.. मेरे जीवन का कोई भी पल वेस्ट नहीं था — चाहे अच्छा था.. चाहे बुरा — लेकिन, मीनिंगफुल था !

आज इन आंखों द्वारा.. इन कानों द्वारा.. मैं संसार में.. दूसरी आत्माओं के जीवन में.. चल रहे सीन भी देख रही हूं.. हर एक के जीवन का ड्रामा.. अपना-अपना है.. कहीं किसी के जीवन में सुख का सीन चल रहा है — उसे भी मैं शांति से देख रही हूं.. कहीं किसी के जीवन में.. परीक्षा का.. शिक्षा का सीन चल रहा है — उसे भी मैं धीरज से देख रही हूं.. मैंने भी ऐसे बहुत सारे पल जिए हैं.. कुछ शायद मुझे याद हैं.. और कुछ पूर्व जन्मों के याद भी नहीं .. जैसे मेरा वह वक्त बीत गया.. ऐसे ही इनका भी बीतेगा !

मैं जहां भी हूं.. उन आत्माओं को शक्ति दे रही हूं.. शुभ भावना दे रही हूं.. ताकि वह भी धीरज से.. अपने ड्रामा की उस सीन से शिक्षा लेते हुए.. आगे बढ़ते रहें.. यह आंखें और यह कान.. भले ही वह सुख और दुख के सीन देख रही हैं.. लेकिन मन की आंख.. उस आत्मा की बेहद की यात्रा देख रही है — जिसमें एक कार्मिक अकाउंट सेटल हो रहा है.. और उसके आगे शांति और सुख आने वाला है !

मैं ईश्वर की वह आवाज सुन पा रही हूं.. कि कर्म के अनुसार सुख और दुख.. जीवन में आता है और जाता है.. इन दुख के पलों में उदासी नहीं.. प्रश्न नहीं.. कंप्लेन नहीं — परमात्म शक्तियों की जरूरत है.. मुझे भी और उन्हें भी।.. अनुभव करें कि निराकार परमात्मा.. जो लाइट स्वरूप है.. उनकी प्रकाश की किरणें.. सारे संसार पर पड़ रही हैं.. जो अच्छे हैं.. लेकिन फिर भी उनके जीवन में परीक्षा चल रही है.. परमात्मा उनकी अच्छाइयों को.. और भी निखार रहा है.. सोने को ही तपना होता है.. सच्चा बनने के लिए.. जिससे उसकी वैल्यू बढ़ती है.. ऐसे ही इस संसार में अच्छाई भी.. सोने की तरह तप-तप कर निखर रही है !

सच्चाई के साथ परमात्मा है.. एक दिन वह सच्चाई चमकेगी.. मैं भी अपने जीवन में अपने अंदर की सच्चाई.. और परमात्मा को साथ रखूं.. तो मेरे जीवन में भी.. परीक्षा के पल.. जल्दी बीतेंगे.. और परीक्षा में पास होकर.. मैं आगे बढ़ती रहूंगी..

ओम शांति !

यह ध्यान सिखाता है कि हर सुख-दुख का पल एक अर्थपूर्ण ड्रामा का हिस्सा है। इससे समझ आता है कि अच्छे लोगों के जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ दंड नहीं, बल्कि सोने को तपाने की तरह की परीक्षा हैं, जो आत्मा को और अधिक शुद्ध व मजबूत बनाती हैं।

इस ध्यान का अभ्यास करने से मन में शिकायत या उदासी की जगह स्वीकार्यता और धैर्य आता है। यह महसूस होता है कि परमात्मा की रोशनी हर आत्मा पर पड़ रही है और कठिन पल भी एक दिन बीत जाएंगे। धीरे-धीरे आप दुख के बीच भी शांति का अनुभव करते हैं और दूसरों को शक्ति व शुभभावना देने की क्षमता विकसित करते हैं।

Brahma Kumaris has Rajyoga Meditation Centers across the globe. These centers are peaceful and welcoming spaces where you can learn and practice Rajyoga meditation in person. Most cities have at least one center, and larger cities often have several located nearby.