ओम शांति !
बाह्य सभी बातों से.. मन को डिटेच करते हैं.. शांत हो जाते हैं.. आज ..हम अपने दृष्टिकोण को चेक करते हैं - क्या मैं आत्मा.. हर आत्मा प्रति.. शुभ भावना.. शुभ कामना रखती हूं?
मुझ आत्मा का संस्कार है.. हर आत्मा का सम्मान करना.. संसार में.. हर आत्मा जो कुछ भी कर रही है.. वे अपने स्थान पर.. उचित कर रहे हैं.. उनके किसी भी व्यवहार से.. उनके प्रति.. कोई भी धारणा बना लेना.. या शुभ भावनाओं में अंतर आना — यह अनुचित है !
मैं.. सर्व आत्माओं का.. सम्मान करने वाली.. सम्माननीय आत्मा हूं ! मेरा दृष्टिकोण.. सदा सर्व के प्रति.. शुभ है.. उनके जीवन की यात्रा में.. जो कुछ भी हुआ है.. उससे मैं अनभिज्ञ हूं.. किंतु मेरी शुभ भावना.. शुभकामना उनकी जीवन यात्रा को.. और सरल बना सकती है..
मैं.. सर्व का सम्मान करती हूं.. मेरी दृष्टि में.. सर्व के प्रति.. एक समान सम्मान की भावना है !
ओम शांति शांति शांति !
















